ICC Champions Trophy 2025: भारत-पाक (Ind Vs Pak) तनाव के बीच दुबई में होंगे रोमांचक मुकाबले, जानिए हाइब्रिड मॉडल का पूरा प्लान

टीम इंडिया आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में दुबई में खेलेगा। हाइब्रिड मॉडल में टूर्नामेंट होगा। यदि भारतीय टीम नॉकआउट में पहुंचती है, तो यूएई में भी फाइनल खेला जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे क्रिकेट विवाद को हल करना था।

( ICC Champions Trophy 2025) दुबई को तटस्थ स्थान (Neotrol Place)  बनाने का निर्णय क्यों लिया गया?

शनिवार रात चेयरमैन मोहसिन नक़वी और यूएई के शेख नहयान अल मुबारक के बीच हुई बैठक के बाद यह निर्णय हुआ, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने पुष्टि की है। भारत ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया क्योंकि भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों में हमेशा से तनाव था। इसलिए दुबई को सुरक्षित और तटस्थ स्थान चुना गया।

 

Champions Trophy 2025 ICC ने पहले ही कहा था कि भारत के मैच पाकिस्तान में नहीं होंगे। भारत का 50 ओवर का टूर्नामेंट दुबई में खेला जाएगा।

पाकिस्तान को क्या मिला? (ICC Champions Trophy 2025)

पाकिस्तान ने क्या हासिल किया?
ICC का कहना है कि टूर्नामेंट में 9 से 10 मैच पाकिस्तान में ही खेले जाएंगे। पाकिस्तान भी फाइनल की मेजबानी करना चाहता था, लेकिन यह सिर्फ तब संभव होगा जब भारत फाइनल में नहीं होगा भारतीय टीम नॉकआउट जीतने पर दुबई में फाइनल खेला जाएगा। इस प्रकार, दोनों पक्षों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप कुछ प्राप्त हुआ।

हाइब्रिड मॉडल का क्या मतलब है?

  • हाइब्रिड मॉडल के अनुसार, कुछ मैच मेजबान देश में और कुछ दूरस्थ स्थान पर खेले जाएंगे। चैंपियंस ट्रॉफी यह मॉडल नहीं है। इसी प्रणाली को अगले कुछ बड़े क्रिकेट टूर्नामेंटों में भी लागू किया जाएगा। ऐसे:
  • 2025 चैंपियंस ट्रॉफी (पाकिस्तान)
  • 2026 टी20 वर्ल्ड कप (भारत और श्रीलंका)
  • 2025 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप (भारत)

यह व्यवस्था उन स्थितियों में बनाई गई है जब किसी देश की टीम सुरक्षा कारणों से दूसरे देश में खेलने के लिए तैयार न हो।

भारत ने पाकिस्तान में खेलने से क्यों इनकार किया?

2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से इनकार कर दिया। इन हमलों में 150 लोग मारे गए थे और इसके बाद से दोनों देशों के बीच क्रिकेट का रिश्ता तनावपूर्ण हो गया था।
2012 में पाकिस्तान के साथ भारत ने द्विपक्षीय सीरीज खेली थी। इसके बाद से दोनों टीमें सिर्फ ICC टूर्नामेंटों में खेलती हैं। पाकिस्तान की यात्रा करने के लिए भारत सरकार की अनुमति आवश्यक है, और सरकार इस मामले में हमेशा से कठोर रही है।

PCB का रुख क्या था?

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के हाइब्रिड मॉडल के खिलाफ शुरुआत में था। उन्हें लगता था कि यह फैसला एकतरफा है और उनकी साख को नुकसान पहुंचाएगा। PCB ने कहा कि अगर भारत दुबई में अपना मैच खेलेगा, तो पाकिस्तान भी अपने देश में खेलने वाले टूर्नामेंटों के लिए इसी तरह की व्यवस्था करेगा।
जनता के सामने अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए PCB ने कड़ा रुख अपनाया। लेकिन अंततः उन्होंने इस मॉडल को आपसी सहमति से स्वीकार किया।

यह मॉडल क्यों जरूरी था?

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है; यह एक राजनीतिक संघर्ष भी है। दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं है; ICC टूर्नामेंट ही दोनों टीमों को खेलने का एकमात्र अवसर है।
भारत ने सुरक्षा के कारण पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान ने इसके जवाब में भारत में होने वाले टूर्नामेंटों पर भी यही प्रणाली लागू करने की मांग की। ताकि दोनों देशों के बीच क्रिकेट जारी रह सके, अंततः इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल (ICC) ने इस उन्नत मॉडल का प्रस्ताव किया।

इससे क्या असर होगा?

  1. क्रिकेट की भविष्यवाणी: यह मॉडल भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में क्रिकेट खेलने में मदद करेगा। क्रिकेट खेलने का मौका दोनों देशों को मिलेगा, एक दूसरे की सुरक्षा करते हुए।
    2. प्रेमियों को राहत: क्रिकेट प्रेमियों को, चाहे तटस्थ स्थान पर हो, भारत-पाकिस्तान मैच देखने का अवसर मिलेगा।
    3. राजनीतिक स्थिरता: यह मॉडल दोनों देशों में राजनीति से क्रिकेट को अलग करता है

 निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद को हल करने का प्रयास है दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी और हाइब्रिड मॉडल का निर्णय। यह मॉडल दोनों देशों को संतुलन बनाने का अवसर देता है।
भारत ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया, वहीं PCB ने अपनी गरिमा बचाने के लिए कड़े निर्णय लिए। अंततः, क्रिकेट प्रेमियों और खेल के हित में यह निर्णय लिया गया। अब इस टूर्नामेंट पर सबकी निगाहें होंगी, खासकर विशेष भारत-पाकिस्तान मैच पर।

टीम इंडिया आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में दुबई में खेलेगी। हाइब्रिड मॉडल में इस टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। यदि भारतीय टीम नॉकआउट तक पहुंचती है, तो संयुक्त अरब अमीरात में भी फाइनल खेला जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे क्रिकेट विवाद को हल करना था। आइए इस पूरे मुद्दे को सीधे समझते हैं।

दुबई को तटस्थ स्थान बनाने का निर्णय क्यों लिया गया?
शनिवार रात चेयरमैन मोहसिन नक़वी और यूएई के शेख नहयान अल मुबारक के बीच हुई बैठक के बाद यह निर्णय हुआ, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने पुष्टि की है। भारत ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया क्योंकि भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों में हमेशा से तनाव था। इसलिए दुबई को सुरक्षित और तटस्थ स्थान चुना गया।

ICC ने पहले ही कहा था कि भारत के मैच पाकिस्तान में नहीं होंगे। भारत का 50 ओवर का टूर्नामेंट दुबई में खेला जाएगा।
पाकिस्तान ने क्या हासिल किया?
ICC का कहना है कि टूर्नामेंट में 9 से 10 मैच पाकिस्तान में ही खेले जाएंगे। पाकिस्तान भी फाइनल की मेजबानी करना चाहता था, लेकिन यह सिर्फ तब संभव होगा जब भारत फाइनल में नहीं होगा। भारतीय टीम नॉकआउट जीतने पर दुबई में फाइनल खेला जाएगा। इस प्रकार, दोनों पक्षों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप कुछ प्राप्त हुआ।

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