बोलैंड की गेंद पर नितीश रेड्डी ने चौका लगाया और अपना शतक पूरा किया। यह एक शानदार पारी रही! उनके पिता खुशी से भावुक हो गए, उनकी आँखों में आँसू थे, और वे ऊपरवाले का शुक्रिया अदा करते हुए हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे थे।
इस दौरान, रेड्डी ने क्रीज़ पार की, घुटनों के बल बैठे, अपना बल्ला जमीन पर टिकाया और हेलमेट ऊपर रख दिया। यह उनके लिए गर्व का पल था।
गेंद की बात करें तो यह स्टंप्स पर हल्की फुलटॉस थी। रेड्डी ने अपना अगला पैर हटाकर गेंद को सीधे मिड-ऑन के ऊपर से मारा, और गेंद इतनी तेज गई कि हेड ने पीछा भी नहीं किया।
यह पारी इतिहास में याद रखी जाएगी। जब रेड्डी बल्लेबाजी करने आए, तब भारत का स्कोर 191/6 था और टीम मुश्किल में थी। उन्होंने हर चुनौती का डटकर सामना किया और सुंदर के साथ एक अहम साझेदारी बनाई। अब भारत की स्थिति मजबूत हो गई है और घाटा लगभग 100 रनों का रह गया है।
